खून की कसम: Khoon Ki Kasam
Bharti, Prakash
जोसेफ की बार में...। बारटेंडर के अलावा कस्टमर के नाम पर सिर्फ एक युवती मौजूद थी। वह उसी के पास जा बैठा... जल्दी पता चल गया खबर गर्म थी और तेजी से फैल रही थी...। खासी पिए नजर आती युवती ने सूट में कसे उसके लंबे-चौड़े मजबूत जिस्म को गौर से देखा फिर अपने सामने रखें पूरे भरे गिलास पर नज़रे जमा दीं। -"रनधीर मर गया।" वह गिलास से सिप लेकर बोली- "उसकी हुकूमत पर कब्जा करने के लिए जंग छिड़ चुकी होती अगर अलीस का खौफ नहीं होता... वह दूर कहीं बहुत बड़ी चीज है - रनधीर से भी बड़ी चीज। दोनों दो जिस्म मगर एक जान हुआ करते थे- जलीस ज्यादा खतरनाक था... सिर्फ चौदह साल की उम्र में असली विलायती गन रखने लगा था... तेज दिमाग था... पढ़ाई में भी फर्स्ट आता था...।" तगड़ा घूंट लेकर बोली- "अलग-अलग मजहब का होने के बावजूद दोनों खुद को ब्लड ब्रदर्स कहते थे... पेशेवर बदमाश थे टीनएज में ही। हर चीज में बराबर की हिस्सेदारी होती थी... उन्हीं दिनों दोनों ने खून की कसम खाई थी- अगर किसी एक को कुछ हो जाए तो दूसरा उसका बदला जरूर लेगा। जबरदस्त रुतबा था उनका... पूरे इलाके के बदमाशों को आर्गेनाइज कर लिया था... जब जलीस यहां से गया उन्नीस साल का था- सत्रह साल हो गए... अब जरूर वापस आएगा अपना वादा पूरा करने... रनधीर के हत्यारों को छोड़ेगा नहीं...।" चटकारा सा लेकर कहा- "लेकिन मुझे कोई परवाह नहीं है... शहर के सारे बदमाश आपस में लड़ मरे तो मुझे खुशी होगी उस कमीने जलीस खान की लाश को भी जब सड़क पर पड़ी देखूंगी तो उस पर भी थूकूंगी उसी तरह जैसे रनधीर की लाश पर थूका था...।"-"बहुत बड़ी-बड़ी बातें कर रही हो, बेबी।" वह पहली बार बोला। युवती ने कड़ी निगाहों से उसे घूरा। -"बेबी... मुझे बेबी कहने वाले तुम होते कौन हो?" -"जलीस खान।" वह खड़ा होकर बोला और कोर्ट के बटन खोल दिए। उसकी बैल्ट में अड़तीस कैलिबर की रिवाल्वर लगी थी। युवती की आंखें दहशत से फैल गईं। सर से पांव तक कांपता बारटेंडर अजूबे की तरह देखता रह गया। (रहस्य एवं रोमांच से भरपूर कथानक... बेहद चौंका देने वाला क्लाइमैक्स)
Year:
2020
Publisher:
Aslan Reads
Language:
hindi
Pages:
298
ISBN:
B08C1ZMGVT
File:
EPUB, 305 KB
IPFS:
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hindi, 2020