Vaigyanik Bharat
APJ Abdul Kalam
वैज्ञानिक उपलब्धियों के बारे में प्रश्न करना या वैज्ञानिक खोजों की आवश्यकता के लिए भी प्रश्न करना आजकल फैशन हो गया है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में जब लाखों भारतीय कष्ट भोग रहे हैं, तब भारत को चंद्रयान मिशन पर इतना धन क्यों बरबाद करना चाहिए? चंद्रमा पर जाने में हमारे लिए अच्छा क्या है? भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें प्रत्येक वर्ष ग्रामीण विकास पर वाकई कितना खर्च करती हैं? चंद्रयान पर हुए खर्च से आप इस आँकड़े की तुलना किस प्रकार कर सकते हैं? क्या चंद्रयान परियोजना या नाभिकीय कार्य, जो कि काफी संसाधनों को बचाते हैं, ग्रामीण विकास के लिए उपलब्ध हैं? आपके पास सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं हो सकते हैं, फिर भी प्रश्न पूछना महत्त्वपूर्ण है। —इसी पुस्तक से --- परमाणु शक्ति-संपन्नता से लेकर ‘मिशन मून’ और ‘अग्नि-V’ तक भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियाँ शानदार रही हैं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति और कुशल वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम तथा उनके निकट सहयोगी वाइ.एस. राजन का मानना है कि यह तो केवल प्रारंभ है, आनेवाला समय भारत के उत्कर्ष का है। विज्ञान के प्रति हमारी सोच और दृष्टि को एक धार, एक दिशा देनेवाली पुस्तक, जो इक्कीसवीं शताब्दी में भारत के तकनीकी विकास का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करती है।
Publisher:
Prabhat Prakashan
Language:
hindi
ISBN 10:
9350481316
ISBN 13:
9789350481318
File:
PDF, 2.06 MB
IPFS:
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hindi0